वर्ष 2025 सोने के निवेशकों के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ है। इस साल सोने की कीमतों में अब तक 50% से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की गई है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में यह 4,000 डॉलर प्रति औंस के पार जा चुका है। खास बात यह है कि सोना अब तक 35 बार ऑल-टाइम हाई छू चुका है, जो पिछले दशक का सबसे बड़ा उछाल है। इस तेजी की मुख्य वजह वैश्विक आर्थिक अस्थिरता, महंगाई दर में लगातार बदलाव और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दर नीति में नरमी रही है। निवेशकों का रुझान अब सुरक्षित परिसंपत्तियों की ओर बढ़ा है, और सोना हमेशा से अस्थिर बाजार में सबसे भरोसेमंद निवेश माना जाता है। घरेलू बाजार में भी सोने की कीमतें 2024 की तुलना में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं, जिससे भारत के सर्राफा बाजार में फिर से रौनक लौट आई है।
क्यों बढ़ रही है सोने की कीमतें – जानें प्रमुख वैश्विक कारण
सोने की मौजूदा तेजी के पीछे कई आर्थिक और भू-राजनीतिक कारण हैं। सबसे पहला कारण है केंद्रीय बैंकों की भारी खरीदारी, विशेष रूप से चीन, भारत और रूस जैसे देशों द्वारा विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी बढ़ाना। दूसरा कारण है भू-राजनीतिक तनाव, जैसे मध्य पूर्व और यूरोप में जारी अस्थिरता, जिसने निवेशकों को सेफ हेवन यानी सोने की ओर खींचा है। तीसरा कारण है डॉलर की कमजोरी — जब डॉलर कमजोर होता है तो सोना अन्य मुद्राओं में सस्ता दिखता है, जिससे मांग बढ़ जाती है। इसके अलावा, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में संभावित कटौती की उम्मीद ने भी बाजार को समर्थन दिया है। परिणामस्वरूप, निवेशक अब शेयर या क्रिप्टो की बजाय गोल्ड को सुरक्षित विकल्प मान रहे हैं, जिससे दामों में लगातार तेजी बनी हुई है।
| धातु / प्रकार | प्रति ग्राम (₹) | प्रति किलोग्राम (₹) | टिप्पणी / स्रोत |
|---|---|---|---|
| सोना 24 कैरेट | ~ ₹ 12,943 | — | GoodReturns के अनुसार (Goodreturns) |
| सोना 22 कैरेट | ~ ₹ 11,864 | — | GoodReturns (Goodreturns) |
| चांदी (999 शुद्धता) | ~ ₹ 188.90 | ~ ₹ 1,88,900 | GoodReturns (Goodreturns) |
घरेलू बाजार में भी सोने का रेट रिकॉर्ड स्तर पर, ₹1.35 लाख तक जाने की उम्मीद
भारत में सोने की कीमतें इस साल ₹1.20 लाख प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई हैं, और विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यही रुझान जारी रहा, तो आने वाले महीनों में यह ₹1.35 लाख प्रति 10 ग्राम तक जा सकती हैं। यह उछाल सिर्फ वैश्विक प्रभाव का परिणाम नहीं है, बल्कि घरेलू मांग भी इसमें अहम भूमिका निभा रही है। शादी का सीजन, निवेश की परंपरा, और त्योहारों में सोने की बढ़ती खपत ने भारतीय बाजार को सक्रिय बनाए रखा है। सर्राफा बाजार में ग्राहकों की भीड़ यह दर्शाती है कि लोग भविष्य में और बढ़त की उम्मीद में अब भी खरीदारी कर रहे हैं। हालांकि, विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि यह तेजी बीच-बीच में थोड़े सुधार (correction) के बाद भी जारी रह सकती है, इसलिए निवेशकों को दीर्घकालिक दृष्टिकोण से ही खरीदारी करनी चाहिए।
चांदी ने भी दिखाई दमदार रफ्तार – इस साल 60% बढ़ी कीमत
जहां सोने ने रिकॉर्ड बनाए हैं, वहीं चांदी ने भी निवेशकों को हैरान कर दिया है। वर्ष 2025 में अब तक चांदी की कीमतों में 60% से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी का भाव 75 डॉलर प्रति औंस तक पहुंचने की संभावना है, जबकि भारत में इसका रेट ₹2.30 लाख प्रति किलो तक जा सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, चांदी की यह तेजी औद्योगिक मांग और आपूर्ति की कमी से प्रेरित है। इलेक्ट्रॉनिक, सोलर और मेडिकल उपकरणों में इसके बढ़ते उपयोग ने चांदी को एक मजबूत निवेश विकल्प बना दिया है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की रिपोर्ट बताती है कि 2025 में चांदी ने सोने से बेहतर प्रदर्शन किया है और आने वाले महीनों में इसमें और तेजी की पूरी संभावना है।
क्या बोले एक्सपर्ट्स – क्या अभी और चढ़ेगा सोना?
MOFSL के जिंस एवं मुद्रा विश्लेषक मानव मोदी और शोध प्रमुख नवनीत दमानी का कहना है कि सोने की मौजूदा तेजी अस्थायी नहीं, बल्कि दीर्घकालिक ट्रेंड की ओर संकेत करती है। दोनों विशेषज्ञों का मानना है कि अगर डॉलर-रुपया विनिमय दर 89 के स्तर पर स्थिर रहती है, तो सोने की कीमत कॉमेक्स पर 4,500 डॉलर प्रति औंस और भारत में ₹1.35 लाख प्रति 10 ग्राम तक जा सकती है। हालांकि, बीच-बीच में बाजार में हल्का सुधार देखने को मिल सकता है, लेकिन दीर्घकाल में सोना अभी भी “Bullish Zone” में बना हुआ है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंकों की लगातार खरीदारी, कमजोर डॉलर और एशियाई देशों की मांग सोने को अगले साल नई ऊंचाइयों तक ले जा सकती है







