साल 2027 का 2 अगस्त इतिहास में दर्ज होने वाला दिन होगा, क्योंकि इस दिन 21वीं सदी का सबसे लंबा पूर्ण सूर्य ग्रहण लगेगा। इस दौरान पृथ्वी के कुछ हिस्सों में दिन में लगभग 6 मिनट तक अंधेरा छा जाएगा। वैज्ञानिकों के अनुसार यह खगोलीय घटना इतनी खास है कि इसे देखने के लिए दुनियाभर से लोग अफ्रीका, एशिया और यूरोप की यात्रा करेंगे। इसे ग्रेट नॉर्थ अफ्रीकन एक्लिप्स (Great North African Eclipse) भी कहा जा रहा है।
खगोल विज्ञानियों का कहना है कि इतना लंबा सूर्य ग्रहण फिर अगले 100 वर्षों तक देखने को नहीं मिलेगा। भारत में यह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई देगा, लेकिन दुनियाभर में यह खास चर्चा का विषय बनेगा। तो आइए विस्तार से जानते हैं कि यह ग्रहण कब, कहां और कैसे दिखाई देगा।
सूर्य ग्रहण कब और कहां दिखाई देगा?
यह दुर्लभ घटना सोमवार, 2 अगस्त 2027 को होगी। ग्रहण की अवधि लगभग 6 मिनट की होगी, जो इसे 21वीं सदी का सबसे लंबा पूर्ण सूर्य ग्रहण बनाएगी।
- यह मोरक्को, अल्जीरिया, ट्यूनीशिया, मिस्र, सऊदी अरब, यमन, सूडान, सोमालिया, स्पेन और ओमान जैसे देशों में साफ-साफ देखा जाएगा।
- कनाडा के कुछ हिस्सों (न्यूफाउंडलैंड) में यह आंशिक रूप से नजर आएगा।
- वैज्ञानिक इस ग्रहण के पथ को पूर्णता का पथ (Path of Totality) कहते हैं, जो लगभग 258 किलोमीटर चौड़ा होगा और अफ्रीका, एशिया तथा यूरोप से होकर गुजरेगा।
भारत में कब और कैसे दिखेगा यह सूर्य ग्रहण?
भारत में यह पूर्ण सूर्य ग्रहण नहीं दिखेगा, लेकिन आंशिक रूप से नजर आएगा।
- भारतीय समयानुसार (IST) यह ग्रहण दोपहर 3:34 बजे शुरू होगा।
- शाम 5:53 बजे तक इसका असर रहेगा।
इस दौरान सूर्य का कुछ हिस्सा चंद्रमा से ढका दिखाई देगा, जिससे आसमान हल्का अंधेरा हो जाएगा।
क्यों खास है 2027 का सूर्य ग्रहण?
साल 2027 का यह सूर्य ग्रहण कई मायनों में ऐतिहासिक है।
- इसकी अवधि लगभग 6 मिनट होगी, जो 21वीं सदी का सबसे लंबा समय है।
- अगले 100 वर्षों तक यानी 2114 तक इतना लंबा पूर्ण सूर्य ग्रहण नहीं होगा।
- लगभग 8.9 करोड़ लोग इस घटना को प्रत्यक्ष रूप से देख सकेंगे।
- इसे देखने के लिए दुनिया भर से खगोल प्रेमी और पर्यटक अफ्रीकी देशों की यात्रा करेंगे।
सूर्य ग्रहण के समय सावधानियां:
सूर्य ग्रहण देखने का अनुभव रोमांचक जरूर है, लेकिन सुरक्षा का ध्यान रखना भी जरूरी है।
- नंगी आंखों से सूर्य ग्रहण देखना खतरनाक हो सकता है।
- इसके लिए सोलर ग्लासेस या विशेष सूर्य ग्रहण चश्मों का उपयोग करें।
- मोबाइल कैमरा या सामान्य चश्मे से ग्रहण देखना सुरक्षित नहीं है।
- छोटे बच्चों को सूर्य की ओर सीधे देखने से बचाएं।
नतीजा: क्यों यादगार रहेगा यह ग्रहण?
2 अगस्त 2027 का सूर्य ग्रहण अपनी अवधि, दुर्लभता और व्यापक दृश्यता के कारण खास है। इसे “ग्रेट नॉर्थ अफ्रीकन एक्लिप्स” कहा जा रहा है, जो खगोल विज्ञान प्रेमियों के लिए किसी उत्सव से कम नहीं। भारत में भले ही यह आंशिक रूप से दिखाई देगा, लेकिन फिर भी यह आम लोगों और वैज्ञानिकों के लिए एक अविस्मरणीय खगोलीय घटना होगी।










