साउथ सुपरस्टार रजनीकांत केवल एक अभिनेता नहीं बल्कि करोड़ों दिलों की धड़कन हैं। उनका अभिनय, सादगी और संघर्ष आज भी लोगों को प्रेरित करता है। लेकिन अक्सर फैन्स यह जानना चाहते हैं कि रजनीकांत की पढ़ाई कहां तक हुई और उन्होंने किस तरह शिक्षा प्राप्त की?
बचपन से लेकर कॉलेज तक का उनका सफर बेहद कठिनाईयों से भरा रहा। गरीबी, जिम्मेदारियाँ और छोटे-छोटे काम करने के बावजूद उन्होंने पढ़ाई को कभी नहीं छोड़ा। यही नहीं, पढ़ाई के साथ-साथ उनका झुकाव आध्यात्मिक ज्ञान और नाटकों की ओर भी रहा। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि साउथ सुपरस्टार रजनीकांत कितने पढ़े-लिखे हैं, उन्होंने कहां से पढ़ाई की और कैसे शिक्षा ने उनके करियर को नया रास्ता दिया।
रजनीकांत की शुरुआती शिक्षा:
रजनीकांत का असली नाम शिवाजी राव गायकवाड़ है। उनका जन्म 12 दिसंबर 1950 को बेंगलुरु, कर्नाटक में हुआ। एक साधारण परिवार में जन्मे रजनीकांत की पढ़ाई की शुरुआत बेंगलुरु के गविपुरम गवर्नमेंट कन्नड़ मॉडल प्राइमरी स्कूल से हुई।
यहां उन्होंने प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की। इस दौरान उनका झुकाव पढ़ाई-लिखाई के साथ खेलकूद और नाटकों की ओर भी बढ़ने लगा। स्कूल जीवन में ही उनकी जिज्ञासा और सीखने की ललक स्पष्ट हो चुकी थी।
रामकृष्ण मठ में मिली आध्यात्मिक शिक्षा:
प्राइमरी स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें रामकृष्ण मठ भेजा गया। यहीं से रजनीकांत को भारतीय संस्कृति, वेद और इतिहास का ज्ञान मिला।
रामकृष्ण मठ में पढ़ाई ने उनकी सोच और व्यक्तित्व को गहराई से प्रभावित किया। यहां उन्होंने अनुशासन, आध्यात्मिक मूल्य और जीवन जीने का सही तरीका सीखा। यही वह समय था जब रजनीकांत की शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं रही, बल्कि जीवन के गहरे अनुभवों का हिस्सा बनी।
कॉलेज की पढ़ाई और संघर्ष:
बचपन से ही आर्थिक तंगी के कारण रजनीकांत को पढ़ाई के साथ छोटे-छोटे काम करने पड़े। वे कभी कुली बने तो कभी बस कंडक्टर तक की नौकरी की।
बावजूद इसके, उन्होंने बेंगलुरु के स्कूल और कॉलेज से पढ़ाई जारी रखी। यही संघर्ष उनके व्यक्तित्व को मजबूत बनाता गया। शिक्षा के साथ काम करने का यह अनुभव उनके जीवन की सबसे बड़ी पूंजी बन गया।
अभिनय की ओर रुझान:
रामकृष्ण मठ में पढ़ाई के दौरान रजनीकांत ने धार्मिक नाटकों में हिस्सा लेना शुरू किया। धीरे-धीरे अभिनय उनका जुनून बन गया।
उन्होंने तय किया कि पढ़ाई के साथ अभिनय ही उनके जीवन का असली रास्ता है। इसी सोच ने उन्हें आगे चेन्नई (तब मद्रास) के मद्रास फिल्म इंस्टीट्यूट तक पहुंचाया।
मद्रास फिल्म इंस्टीट्यूट से एक्टिंग कोर्स:
रजनीकांत ने मद्रास फिल्म इंस्टीट्यूट में दाखिला लेकर अभिनय की पढ़ाई की। यहां उन्होंने अभिनय की बारीकियां सीखीं और मंच पर खुद को साबित किया।
यही शिक्षा उनके करियर की असली नींव बनी। फिल्मों में कदम रखने के बाद रजनीकांत ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज उनकी गिनती दुनिया के सबसे बड़े अभिनेताओं में होती है।
निष्कर्ष:
साउथ सुपरस्टार रजनीकांत की शिक्षा यात्रा संघर्ष और प्रेरणा से भरी है। एक साधारण परिवार से निकलकर उन्होंने प्राथमिक शिक्षा, आध्यात्मिक ज्ञान, कॉलेज की पढ़ाई और फिर अभिनय का प्रशिक्षण हासिल किया। उनकी कहानी बताती है कि मुश्किल हालात भी अगर हौसला और मेहनत हो, तो रास्ता कभी नहीं रोक सकते।










