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ऑपरेशन सिंदूर: NCERT किताबों में बच्चों को सिखाई जाएगी पाकिस्तान की कायराना करतूत

Published On: 20.08.2025
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भारत लंबे समय से आतंकवाद की मार झेलता आ रहा है। पड़ोसी देश पाकिस्तान की कायराना करतूतें बार-बार देश की शांति और एकता को चुनौती देती रही हैं। इसी कड़ी में NCERT ने स्कूली बच्चों के लिए एक खास पहल की है। अब 3वीं से 12वीं तक की किताबों में “ऑपरेशन सिंदूर” मॉड्यूल जोड़ा गया है। इस मॉड्यूल में पहलगाम आतंकी हमला और उसमें पाकिस्तान की भूमिका को स्पष्ट रूप से बताया गया है। इसके साथ ही इसमें बच्चों को यह सिखाया जाएगा कि आतंकवाद सिर्फ सीमा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज और आम लोगों के जीवन पर भी गहरा असर डालता है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ शहीदों की शहादत, विधवाओं के साहस और कश्मीर के आम नागरिकों की बहादुरी का प्रतीक है। यह पहल बच्चों में देशभक्ति, एकता और शांति का भाव जगाने के साथ-साथ उन्हें आतंकवाद के खिलाफ भारत की सख्त नीति से भी रूबरू कराएगी।

1. ऑपरेशन सिंदूर क्या है?

एनसीईआरटी ने स्कूली बच्चों को आतंकवाद और उसकी सच्चाई से परिचित कराने के लिए अपनी किताबों में नया मॉड्यूल जोड़ा है। इस मॉड्यूल का नाम “ऑपरेशन सिंदूर” है। इसे कक्षा 3 से 12 तक के लिए तैयार किया गया है।
 इसका उद्देश्य बच्चों को सिखाना है कि आतंकवाद समाज और देश दोनों के लिए खतरा है और हर नागरिक को शांति और एकता बनाए रखने में अपना योगदान देना चाहिए।

2. पहलगाम आतंकी हमले की कहानी:

साल 2000 में पहलगाम (जम्मू-कश्मीर) में एक दर्दनाक आतंकी हमला हुआ था।

  • इस हमले में कई निर्दोष लोगों की जान गई।
  • एनसीईआरटी की किताबों में अब यह पूरा घटनाक्रम सरल भाषा में समझाया गया है।
  • बच्चों को यह बताया जाएगा कि यह हमला अचानक नहीं था, बल्कि इसके पीछे पाकिस्तान का सीधा हाथ था।

3. पाकिस्तान की कायराना भूमिका:

एनसीईआरटी ने साफ लिखा है कि पाकिस्तान का सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व इस हमले के पीछे था।

  • पाकिस्तान ने हमेशा इस हमले में अपनी भूमिका से इनकार किया।
  • लेकिन सबूत बताते हैं कि यह हमला उसकी शह और आतंकियों की मदद से ही हुआ।
    यह हिस्सा बच्चों को यह सिखाता है कि पड़ोसी देश लंबे समय से भारत में अस्थिरता फैलाने की कोशिश करता रहा है।

4. अन्य बड़े आतंकी हमले: उरी और पुलवामा

इस मॉड्यूल में सिर्फ पहलगाम हमला ही नहीं, बल्कि कुछ और बड़े हमलों का भी जिक्र है।

  • 2016 का उरी हमला
  • 2019 का पुलवामा हमला
    इन घटनाओं को शामिल करने का मकसद बच्चों को यह सिखाना है कि आतंकवाद सिर्फ सैनिकों को नहीं, बल्कि पूरे समाज और आम नागरिकों को प्रभावित करता है।

5. क्यों रखा गया नाम ‘ऑपरेशन सिंदूर’?

मॉड्यूल का नाम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ रखना बेहद खास है।

  • “सिंदूर” भारतीय संस्कृति में सुहाग और एकता का प्रतीक है।
  • इस हमले में जिन महिलाओं ने अपने पति खोए, उनके साहस को सम्मान देने के लिए यह नाम चुना गया।
    यह नाम शहीदों और उनके परिवारों के बलिदान का प्रतीक है।

6. शहीदों और विधवाओं का साहस:

इस मॉड्यूल में उन शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई है, जिन्होंने देश की रक्षा करते हुए प्राणों की आहुति दी।

  • विधवाओं के साहस और दुख का भी उल्लेख है।
  • यह बच्चों को समझाता है कि देश की रक्षा सिर्फ सैनिकों की नहीं, बल्कि उनके परिवारों की भी कुर्बानी है।

7. कश्मीर के लोगों की बहादुरी:

पहलगाम हमले के बाद कश्मीर के स्थानीय लोग आतंकवाद के खिलाफ खुलकर सामने आए।

  • उन्होंने आतंकियों की नापाक हरकतों का विरोध किया।
  • यह दिखाया गया कि कश्मीर की असली पहचान भाईचारा और शांति है, न कि हिंसा।
  • इस मॉड्यूल से बच्चे सीखेंगे कि एकता और साहस से ही समाज आगे बढ़ सकता है।

8. बच्चों के लिए सीख और संदेश:

  • आतंकवाद किसी भी रूप में खतरनाक है।
  • देश की शांति और एकता हर नागरिक की जिम्मेदारी है।
  • शहीदों और उनके परिवारों का सम्मान करना हर भारतीय का कर्तव्य है।
     यह पहल बच्चों को जिम्मेदार नागरिक बनाने में मदद करेगी।

9. निष्कर्ष:

ऑपरेशन सिंदूर मॉड्यूल सिर्फ एक अध्याय नहीं है, बल्कि यह भारत की सच्चाई और साहस की कहानी है।
यह बच्चों को यह सिखाता है कि आतंकवाद से लड़ाई सिर्फ सरकार या सेना की नहीं है, बल्कि इसमें आम लोगों का भी योगदान अहम है।
इस मॉड्यूल से आने वाली पीढ़ी को यह प्रेरणा मिलेगी कि शांति, एकता और साहस से ही आतंकवाद को हराया जा सकता है।

amitchauhan

I am a skilled dialysis technician with hands-on healthcare experience. Now, I pursue blogging to share knowledge, inspire readers, and explore new opportunities beyond medical practice.

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