अमेरिका में ट्रक ड्राइवर बनना हमेशा से भारतीय युवाओं का सपना रहा है। बेहतर सैलरी, सुरक्षित जीवन और स्थायी करियर की वजह से हजारों भारतीय, खासकर पंजाब और हरियाणा से आने वाले लोग, अमेरिका की ट्रकिंग इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं। लेकिन हाल ही में अमेरिका सरकार ने विदेशी ट्रक ड्राइवरों के वर्क वीजा और कमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस (CDL) पर रोक लगाने का बड़ा फैसला लिया है।
यह फैसला उन भारतीयों के लिए बड़ा झटका है जो वहां काम कर रहे हैं या जाने की तैयारी कर रहे थे। अब सवाल यह है कि अमेरिका में ट्रक ड्राइवर को कितनी सैलरी मिलती है, यह नौकरी कितनी फायदेमंद है और नए बैन से भारतीयों पर क्या असर पड़ेगा। इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि अमेरिका में ट्रक ड्राइवर की कमाई कितनी है, किन कंपनियों में अच्छे मौके हैं और वीजा रोक का भविष्य पर कितना प्रभाव पड़ेगा।
अमेरिका में ट्रक ड्राइवर को कितनी सैलरी मिलती है?
अमेरिका में ट्रक ड्राइवर की सैलरी दुनिया के कई देशों से कहीं ज्यादा है। यहां ज्यादातर ट्रक ड्राइवरों को प्रति मील के हिसाब से पेमेंट किया जाता है। औसतन 0.60 से 0.70 डॉलर प्रति मील मिलते हैं। अगर कोई ड्राइवर रोज़ 500-600 मील ड्राइव करता है, तो उसकी मासिक कमाई लगभग 4.2 लाख से 6.7 लाख रुपये तक हो सकती है। कुछ कंपनियां घंटे के हिसाब से भी भुगतान करती हैं, जिसमें एक ड्राइवर प्रति घंटे 1,680 से 2,520 रुपये तक कमा सकता है। यह आंकड़ा ड्राइवर के अनुभव और कंपनी पर निर्भर करता है। कुल मिलाकर, अमेरिका में ट्रक ड्राइवर की सालाना औसत सैलरी 40 लाख रुपये तक पहुंचती है, जबकि बड़े ब्रांड्स जैसे Walmart और Amazon अपने अनुभवी ड्राइवरों को 80-92 लाख रुपये तक देते हैं।
भारतीय युवाओं के लिए अमेरिका में ट्रकिंग क्यों लोकप्रिय है?
भारत के हजारों युवा अमेरिका में ट्रक ड्राइविंग को आकर्षक करियर मानते हैं। पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों से बड़ी संख्या में युवा ट्रकिंग इंडस्ट्री से जुड़ते हैं। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है – उच्च सैलरी, सेफ लाइफस्टाइल और इज्जतदार नौकरी। अमेरिका में ट्रक चलाने वाले ड्राइवरों को अच्छी कमाई के साथ-साथ इंश्योरेंस, मेडिकल बेनिफिट्स और फ्यूचर सिक्योरिटी भी मिलती है। इसके अलावा, वहां की हाईवे लाइफ और बड़े ट्रक चलाने का अनुभव युवाओं के लिए सपने जैसा होता है। भारतीय खासतौर पर सिख समुदाय के लोग इस काम में ज्यादा दिखाई देते हैं क्योंकि ट्रकिंग का काम मेहनत वाला होते हुए भी स्थिर और लंबे समय तक सुरक्षित माना जाता है। यही वजह है कि हजारों भारतीय हर साल अमेरिका में ट्रक ड्राइवर बनने का सपना लेकर जाते हैं।
अमेरिका सरकार का नया वीजा और CDL बैन क्या है?
हाल ही में अमेरिका सरकार ने विदेशी ट्रक ड्राइवरों को दिए जाने वाले वर्क वीजा और कमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस (CDL) पर रोक लगाने का फैसला किया है। इसका मतलब है कि अब नए विदेशी ड्राइवरों को वीजा जारी नहीं होगा और जो लोग नया लाइसेंस बनवाना चाहते हैं, उन्हें यह सुविधा नहीं मिलेगी। हालांकि, जो ड्राइवर पहले से वैध वीजा या लाइसेंस के साथ काम कर रहे हैं, उनकी नौकरी तुरंत प्रभावित नहीं होगी। लेकिन लंबे समय में उनके लिए भी वीजा रिन्यू कराने में मुश्किलें आ सकती हैं। सरकार का मानना है कि स्थानीय नागरिकों को पहले नौकरी का मौका मिलना चाहिए, इसलिए यह कदम उठाया गया है। यह फैसला सीधे तौर पर भारतीय युवाओं को प्रभावित करेगा क्योंकि उनकी संख्या अमेरिका की ट्रकिंग इंडस्ट्री में काफी ज्यादा है।
कितने भारतीयों की नौकरी खतरे में है?
अमेरिका की ट्रकिंग इंडस्ट्री में लगभग 7,20,000 विदेशी मूल के ड्राइवर काम कर रहे हैं। इनमें से 18% से ज्यादा ड्राइवर विदेशी पृष्ठभूमि से आते हैं। इनमें भारत, मैक्सिको और लैटिन अमेरिकी देशों के लोग सबसे आगे हैं। केवल कैलिफोर्निया राज्य में ही हजारों भारतीय ड्राइवर ट्रक चला रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दो सालों में ही 30,000 से ज्यादा भारतीय सिख इस इंडस्ट्री में शामिल हुए हैं। वीजा और लाइसेंस बैन का सीधा असर इन्हीं लोगों पर पड़ेगा। अगर यह रोक लंबे समय तक जारी रही तो हजारों भारतीय ड्राइवरों को नौकरी खोने का खतरा हो सकता है। वहीं, जो लोग भारत से अमेरिका जाने की तैयारी कर रहे थे, उनके सपनों पर भी फिलहाल ब्रेक लग गया है।
अमेरिका में ट्रकिंग इंडस्ट्री का भविष्य और भारतीयों की भूमिका
अमेरिका की अर्थव्यवस्था में ट्रकिंग का अहम योगदान है क्योंकि वहां सामान की ढुलाई का बड़ा हिस्सा ट्रकों से होता है। ड्राइवरों की कमी वहां पहले से ही एक बड़ी चुनौती रही है। ऐसे में विदेशी ड्राइवरों पर पाबंदी से इंडस्ट्री को झटका लग सकता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह फैसला लंबे समय तक नहीं चल पाएगा क्योंकि स्थानीय ड्राइवरों की संख्या इस कमी को पूरा नहीं कर सकती। भारतीय ड्राइवरों ने हमेशा मेहनत और भरोसेमंद काम करके अपनी पहचान बनाई है। इसलिए संभावना है कि आने वाले समय में कुछ नियमों में ढील दी जाए और भारतीयों को फिर से नौकरी के मौके मिलें। हालांकि फिलहाल यह फैसला उनके करियर के लिए बड़ा खतरा बना हुआ है।
नतीजा: भारतीय युवाओं के लिए बड़ा झटका
कुल मिलाकर, अमेरिका सरकार का वीजा और CDL बैन हजारों भारतीय ट्रक ड्राइवरों के लिए चिंता का विषय है। अमेरिका में ट्रक ड्राइवर की सैलरी बहुत आकर्षक है और यही वजह है कि भारतीय युवाओं का रुझान इस ओर रहा है। लेकिन फिलहाल नए मौके रुक गए हैं और पहले से मौजूद ड्राइवरों की भी स्थिति अनिश्चित हो गई है। यह फैसला अगर लंबे समय तक लागू रहा, तो कई लोगों का करियर और भविष्य दोनों प्रभावित हो सकते हैं। हालांकि, उम्मीद है कि अमेरिका की इंडस्ट्री जरूरत के हिसाब से भविष्य में नए रास्ते खोलेगी और भारतीय युवाओं को फिर से वहां काम करने का मौका मिलेगा।










