मंगलवार को सोने और चांदी के दामों में बड़ी गिरावट देखने को मिली। इंट्राडे ट्रेडिंग के दौरान सोने की कीमत 6.3% से ज्यादा गिर गई, जो पिछले 12 सालों में सबसे बड़ी गिरावट मानी जा रही है। इसी तरह, चांदी की कीमत में भी भारी गिरावट आई और यह 7.1% तक नीचे चली गई। यह दोनों धातुओं के लिए एक झटका साबित हुआ, क्योंकि निवेशकों ने अचानक बिकवाली शुरू कर दी। बुधवार को भी सोना और चांदी संभल नहीं पाए और कीमतों में पांच साल से अधिक समय में सबसे तेज इंट्राडे गिरावट दर्ज की गई। विशेषज्ञों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर के मजबूत होने और ब्याज दरों में संभावित बढ़ोतरी की खबरों ने इस गिरावट को और गहरा दिया। हालांकि निवेशक उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले दिनों में बाजार में धीरे-धीरे स्थिरता लौट सकती है।
नई दिल्ली में सोने का भाव
बीते कुछ महीनों से लगातार बढ़ रहे सोना और चांदी के दामों में बुधवार को बड़ी गिरावट देखने को मिली। धनतेरस और दिवाली के दौरान जहां सोना-चांदी की कीमतें ऊंचाई पर थीं, वहीं अब उनमें तेजी से गिरावट आई है। इंटरनेशनल मार्केट में दाम घटने का असर सीधे भारत के बाजार में भी दिखा। बुधवार को 24 कैरेट सोने की कीमत 10 ग्राम पर 3,700 रुपये से ज्यादा गिर गई, जबकि चांदी के दाम करीब 10,600 रुपये प्रति किलो तक नीचे आ गए। यह गिरावट निवेशकों और ग्राहकों दोनों के लिए चौंकाने वाली रही।
विशेषज्ञों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डॉलर की मजबूती और ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका के कारण कीमती धातुओं की कीमतों में यह बड़ी गिरावट आई है। उनका कहना है कि यह गिरावट फिलहाल कुछ समय तक जारी रह सकती है और भारत में गुरुवार से सोना-चांदी के भाव में और कमी देखने को मिल सकती है। हालांकि कुछ जानकारों का मानना है कि यह निवेश के लिए एक अच्छा मौका भी हो सकता है, क्योंकि आगे चलकर कीमतों में फिर से सुधार की संभावना बनी हुई है।
भारत में सोने की कीमतों में आई बड़ी गिरावट
पिछले कुछ दिनों में सोने की कीमतों में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है। इंटरनेशनल मार्केट में आई मंदी का असर सीधे भारतीय बाजार पर पड़ा है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के आंकड़ों के अनुसार, 24 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट तीनों ही प्रकार के सोने के दामों में भारी कमी आई है।
धनतेरस और दिवाली के बाद से लगातार बढ़ रहे सोने के दाम अब नीचे आने लगे हैं। बुधवार को सोने की कीमतों में औसतन ₹3,700 से ₹2,800 तक की गिरावट दर्ज की गई। विशेषज्ञों का कहना है कि डॉलर के मजबूत होने और ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना के कारण सोने की कीमतें गिरी हैं। हालांकि, निवेशकों के लिए यह एक अच्छा मौका हो सकता है क्योंकि भविष्य में फिर से सोने के दाम बढ़ सकते हैं।
नीचे दी गई तालिका में सोने की मौजूदा और पहले की कीमतें दर्शाई गई हैं:
| सोने का प्रकार | पहले की कीमत (प्रति 10 ग्राम) | वर्तमान कीमत (प्रति 10 ग्राम) | कुल गिरावट |
|---|---|---|---|
| 24 कैरेट सोना | ₹1,27,633 | ₹1,23,907 | ₹3,726 |
| 22 कैरेट सोना | ₹1,16,912 | ₹1,13,499 | ₹3,413 |
| 18 कैरेट सोना | ₹95,725 | ₹92,930 | ₹2,795 |
इन आंकड़ों से साफ है कि सभी श्रेणियों में सोना सस्ता हुआ है। खासकर 24 कैरेट सोना, जो निवेशकों के बीच सबसे लोकप्रिय है, उसमें सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई है।
जानकारों का कहना है कि अगर आने वाले दिनों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्थिरता नहीं आई, तो सोने की कीमतों में और गिरावट देखने को मिल सकती है। वहीं, जो लोग सोने में निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए यह सही समय माना जा रहा है।
चांदी की कीमत में आई 10 हजार रुपए से ज्यादा की गिरावट
सोने के साथ-साथ चांदी के दामों में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली है। पिछले कुछ महीनों से लगातार बढ़ती चांदी की कीमतों में अब एक झटका लगा है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के मुताबिक, चांदी की कीमत में 10,549 रुपए की भारी गिरावट दर्ज की गई है। अब चांदी की नई कीमत 1,52,501 रुपए प्रति किलो हो गई है, जबकि पहले यह 1,63,050 रुपए प्रति किलो थी।
दीपावली की छुट्टियों के कारण मंगलवार को बुलियन बाजार बंद रहा था, इसलिए यह नई कीमतें बुधवार को सामने आईं। सोमवार को आखिरी बार जो रेट जारी हुए थे, उनके मुकाबले यह गिरावट बहुत बड़ी मानी जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर की मजबूती और सोने के साथ चांदी में भी बिकवाली बढ़ने से यह गिरावट आई है।
हालांकि कुछ जानकारों का कहना है कि चांदी की यह गिरावट लंबे समय तक नहीं रहेगी और आने वाले दिनों में इसकी कीमतों में धीरे-धीरे सुधार हो सकता है। निवेशकों के लिए यह समय सस्ती कीमत पर खरीदारी करने का एक अच्छा अवसर साबित हो सकता है।
आखिर क्यों आई सोना-चांदी की कीमतों में इतनी गिरावट?
हाल के दिनों में सोना और चांदी की कीमतों में आई बड़ी गिरावट के कई कारण हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक संबंधों में सुधार की खबरों ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है, जिससे कीमती धातुओं की मांग घट गई। इसके अलावा, डॉलर के मजबूत होने से भी सोना-चांदी पर दबाव बढ़ा है, क्योंकि डॉलर मजबूत होने पर निवेशक सोने-चांदी से पैसा निकालकर डॉलर में निवेश करना पसंद करते हैं।
भारत में भी त्योहारों के बाद सोने और चांदी की मौसमी मांग कम हो गई है, जिससे कीमतों में गिरावट देखने को मिली। अमेरिकी सरकार के शटडाउन के चलते आर्थिक आंकड़ों की कमी और बाजार में बनी अनिश्चितता ने भी इसका असर डाला है।
एएनजेड ग्रुप के विशेषज्ञ ब्रायन मार्टिन और डैनियल हाइन्स का कहना है कि निवेशकों के ऊंचे पोजीशन स्तरों के कारण अचानक बिकवाली बढ़ी, जिससे कीमतें और नीचे चली गईं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि लंबे समय में सोना-चांदी की कीमतें फिर से संभल सकती हैं, क्योंकि बाजार में अब भी कई सकारात्मक संकेत मौजूद हैं।








